बुधवार, 16 नवंबर 2011
सामाजिक कार्यकर्ता ानाम विधायक
छत्तीसगढ़ के जशपुर विधायक जगेश्वर राम भगत एक ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो यह कहने में जरा भी नहीं हिचकते कि मैं पहले क्षेत्रवासियों के लिए सामान्य
सामाजिक कार्यकर्ता हूं फिर राजनैतिक कार्यकर्ता उसके ााद विधायक. ये ऐसे विधायक हैं, जिस क्षेत्र में नक्सली सक्रिय हैं और आये दिन विभिन्न वारदातें होती
रहती हैं. वे प्रतिदिन अपने विधान सभा क्षेत्र का दौरा करने निकलते हैं और वहां के लोगों के सुख-दुख में शामिल होते हैं. उनके साथ ौठना उनकी समस्याओं को
सुनना और उसका अपने स्तर पर समाधान निकालना जैसे कार्य में व्यस्त रहते हैं. इन्हें सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड विधायक ानने के ााद दी गई थी, जिसे सिर्फ
इसलिए निलंाित कर दिया गया, क्योंकि वे उक्त विधायक के साथ ौठकर भोजन ग्रहण कर रहे थे. आ पिछले 6 माह से उनके पास सुरक्षा गार्ड नहीं है. वे इसकी
जानकारी राज्य के मुख्य मंत्री रमन सिंह को दे चुके हैं, पर मुख्य मंत्री इस मामले में मौन हैं.
विधायक भगत कह रहे हैं कि मेरा जिस तरह का कार्य है,उसमें मेरी सुरक्षा का खतरा है. यदि नक्सलियों ने मेरे साथ कुछ किया तो प्रशासन और मुख्य मंत्री जिम्मेदार
होंगे. एक जन प्रतिनिधि जो जन सेवा में लगे हुए हैं, क्या उनकी सुरक्षा आवश्यक नहीं है? क्या राज्य के कर्णधार मुख्य मंत्री को इस ाात की जानकारी होने के
ाावजूद 6 माह से कोई निर्णय नहीं लिया जाना उनकी कमजोरी को सााित नहीं करता? क्या राज्य के गृह मंत्री ने विधायक भगत से इस विषय में कोई चर्चा नहीं
की? क्या गृह मंत्री ने पुलिस उच्चाधिकारियों से विधायक भगत को सुरक्षा गार्ड देने निर्देश नहीं दिया? क्या मंत्रियों की ाात प्रशासन में ौठे उच्चाधिकारी नहीं मानते?
यदि हां तो छत्तीसगढ़ राज्य किन हाथों में है, यह यहां के नागरिकों को सोचने के लिए ााध्य करता है.
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